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हिन्दी साहित्य से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न।

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  हिंदी साहित्य से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर किस पुस्तक का 15 भारतीय भाषाओं और 40 विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। – पंचतंत्र संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल की गई चार नहीं भाषाएं कौन सी है। – संथाली, मैथिली, बोडो,और डोगरी निशा निमंत्रण के रचनाकार कौन है। – हरिवंश राय बच्चन गागर में सागर भरने का कार्य किस कवि ने किया है। – बिहारी रस मीमांसा रस- सिद्धांत से संबंधित पुस्तक के लेखक हैं। – आचार्य रामचंद्र शुक्ल इससे जुड़ी और जानकारी गाथा कहने से किस लोक प्रचलित काव्य भाषा का बोध होता है। – प्राकृत तुलसीदास का वह ग्रंथ कौन सा है जिसमें ज्योतिष का वर्णन किया गया है। – रामाज्ञा प्रश्नावली भारत भारतीय( काव्य) के रचनाकार है। – मैथिलीशरण गुप्त आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने त्रिवेणी में किन तीन महा कवियों की समीक्षा प्रस्तुत की है। – सूर , तुलसी एवं जायसी वीरों का कैसा हो बसंत कविता के रचनाकार हैं। – सुभद्रा कुमारी चौहान हिंदी के किस समाचार पत्र में खड़ी बोली को मध्य देशीय भाषा कहा गया है। – बनारस अखबार महत्वपूर्ण दलित उपन्यास हिंदी कविता को छंदों की परिधि से...

बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु!

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 सूर्यकांत त्रिपाठी निराला बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु! पूछेगा सारा गाँव, बंधु! यह घाट वही जिस पर हँसकर, वह कभी नहाती थी धँसकर, आँखें रह जाती थीं फँसकर, कँपते थे दोनों पाँव बंधु! वह हँसी बहुत कुछ कहती थी, फिर भी अपने में रहती थी, सबकी सुनती थी, सहती थी, देती थी सबके दाँव, बंधु! बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु! पूछेगा सारा गाँव, बंधु! सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और इनकी कविताओं और लेख को पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें। Tags  #suryakanttripathiniral #nirala #suryakankikavitayen #nirslakikavitayen #blogchandrakumar #trendingpome #trendofhindi

ठाकुर का कुआं

प्रेमचंद की कहानियां     1  जोखू ने लोटा मुँह से लगाया तो पानी में सख्त बदबू आयी । गंगी से बोला- यह कैसा पानी है ? मारे बास के पिया नहीं जाता । गला सूखा जा रहा है और तू सड़ा पानी पिलाये देती है ! गंगी प्रतिदिन शाम पानी भर लिया करती थी । कुआँ दूर था, बार-बार जाना मुश्किल था । कल वह पानी लायी, तो उसमें बू बिलकुल न थी, आज पानी में बदबू कैसी ! लोटा नाक से लगाया, तो सचमुच बदबू थी । जरुर कोई जानवर कुएँ में गिरकर मर गया होगा, मगर दूसरा पानी आवे कहाँ से? ठाकुर के कुएँ पर कौन चढ़ने देगा ? दूर से लोग डाँट बतायेंगे । साहू का कुआँ गाँव के उस सिरे पर है, परंतु वहाँ भी कौन पानी भरने देगा ? कोई तीसरा कुआँ गाँव में है नहीं। जोखू कई दिन से बीमार है। कुछ देर तक तो प्यास रोके चुप पड़ा रहा, फिर बोला- अब तो मारे प्यास के रहा नहीं जाता । ला, थोड़ा पानी नाक बंद करके पी लूँ । गंगी ने पानी न दिया । खराब पानी से बीमारी बढ़ जायगी इतना जानती थी, परंतु यह न जानती थी कि पानी को उबाल देने से उसकी खराबी जाती रहती हैं । बोली- यह पानी कैसे पियोगे ? न जाने कौन जानवर मरा है। कुएँ से मैं दूसरा पानी लाये देती ...

हम एल के जी के बच्चे हैं।

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हम एल के जी के बच्चे हैं, मम्मी पापा के संग आते हैं  टाॅफी बिस्कुट खाते हैं  जब हम खुश हो जाते हैं, धीरे से घर को जाते हैं। टीचर कक्षा में जब आते हैं  अपना परिचय देते हैं, हम एल के जी के बच्चे हैं, नहीं किसी से डरते हैं, हिंदी इंग्लिश पढ़ते हैं,  गणित लगाते, कला बनाते, होमवर्क करके आते हैं।  Video © चन्द्र कुमार  १५ फरवरी २०२५

नेटवर्क पर आलेख

 बड़े अचंभे की बात है कि अचानक सुबह से ही हमारे गांव  के प्रतिष्ठित समाजसेवी एवं सुख दुःख में बात कराने वाले और प्रेमियों के दिलों को जोड़ने वाले दूरसंचार के संचालक श्री एयरटेल जी की अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया, स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों ने पूरे होशोहवास में १.५ गीगा बाइट्स एम बी को उनके पेट में ठूंस दिया, और साथ ही साथ पूरे गांव वालों के एम बी को भी ठूंस दिया लेकिन एयरटेल जी ने डकार भी नहीं लिए और उनकी सांसें एक एक प्वाइंट आ जा रही है।  प्रेमियों की नाराज़गी और लोगों की चिंताएं यह साफ बता रही हैं कि जल्दी ही उनकी सांसें तेज हो जाएगी और फिर से सबको उनका लाभ प्राप्त होगा। 

my first poem

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        उपहार  मन में कुछ शैतानी सूझा, आओ करें कुछ काम अनोखा, घर से निकले गये बजार, वहां खरीदा एक समान, झटपट भागे घर को आए, रस्ते में कुछ समय गंवाए, भागा भागा घर को आया, तब तक मां ने मुझे बुलाया, कहां गया था अभी को आया, क्या बताऊं कुछ समझ न आया, फिर भी थोड़ा साहस जुटाया, धीरे धीरे दिया जवाब गया था लाने इक उपहार मां कर देना मुझको माफ़  ❤️ मैं और मेरी भांजी ❤️